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बीजेपी के विधायक और मंत्री 5-6 पेंशन ले रहे और कर्मचारियों के लिए एक भी नहीं: डॉ. सुशील गुप्ता

चंडीगढ़ :

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने ओपीएस बहाली के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस लागू के नाम पर एनपीएस से भी बदतर स्कीम दे रही है। सरकारी कर्मचारी पिछले 20 सालों से ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार नई पेंशन नीति (एनपीएस) के बाद अब एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लेकर आई है। लेकिन प्रदेश के कर्मचारी अब भी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे हैं। बीजेपी सरकार ओपीएस को लागू क्यों नहीं करती? इसका मतलब बीजेपी को कर्मचारियों से कोई मतलब नहीं है। आम आदमी पार्टी ओल्ड स्कीम पेंशन का समर्थन करती है और सरकार से मांग करती है कि जल्द से ओपीएस लागू करे।

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उन्होंने कहा कि बीजेपी के विधायक और मंत्री 5-6 पेंशन ले रहे हैं और कर्मचारियों को एक पेंशन भी नही देना चाहते। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में प्रदेश के कर्मचारी वोट की चोट से बीजेपी का सबक सीखाने का काम करेंगे। आम आदमी पार्टी पूरजोर तरीके से कर्मचारियों के साथ खड़ी है। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर ओपीएस लागू की जाएगी।

उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से ओपीएस बहाली को लेकर आंदोलन चलता रहा। कर्मचारियों ने 19 फरवरी 2023 को पंचकूला में मुख्यमंत्री आवास घेराव किया गया। 16 अप्रैल को जिला स्तरीय आक्रोश प्रदर्शन व एक अक्टूबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में पेंशन शंखनाद महारैली की। 11 फरवरी को जींद में ओपीएस संकल्प महारैली कर वोट फॉर ओपीएस की शपथ ली। एक सितंबर को पंचकूला में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की तैयारी चल रही थी, लेकिन चुनाव घोषणा होने से संघर्ष समिति ने 25 अगस्त को अंबाला में ओपीएस तिरंगा मार्च निकाला।

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उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के कर्मचारी एक सितंबर को हिसार और आठ सितंबर को रोहतक में मंडल स्तरीय मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं। पुरानी पेंशन योजना वर्ष 2004 से पहले तक सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू थी। इसमें कर्मचारी अपनी सेवा के अंत में एक सुनिश्चित पेंशन प्राप्त करते थे। इसके बाद कर्मचारियों ने लगातार धरने प्रदर्शन, रैलियां की इसके बावजूद बीजेपी सरकार ने ओपीएस बहाल नहीं की। अब यूपीएस लेकर आई है। प्रदेश के कर्मचारी जींद में महारैली कर ओपीएस नहीं तो वोट नहीं की शपथ ले चुके हैं। इसलिए प्रदेश के कर्मचारी ओपीएस के मुद्दे पर वोट करेंगे।

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